कृपया ध्यान दे निचे आपको अच्छे से समझने के लिए छोटे छोटे डायग्राम दिए गए हे जिसमे आप और अचे से समझ सके :-
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यह दीवार से घिरा होता था :-
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कालीबंगा
यहाँ पर दुर्ग तो घिरा हे पर नगर भी अलग से घिरा हुआ हे :-
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लोथल
यहाँ के नगर और ढग दोनों एक ही दीवार से घिरे हुए हे :-
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धोलावीरा
यह तीन भाग में बटा हुआ था :-
- Chanhu-daro
दोनों में कोई दीवार नहीं हे
चौड़ी सड़कें चौराहें तक बनाई गई हैं : –
समुद्र से कंकर बजरी से सड़कें पक्की की गई हैं
आगे जाकर छोटी – छोटी सड़कें बनाई गई हैं पूरा का पूरा शहर सेक्टर में बनाया गया हैं
चौराहे पर जगह – जगह टीले उनपर दुकाने बनाई गई हैं सभी मकान गलियों के अंदर बनाये गए हैं । ज़्यदा तर दो मंजिले मकान बनाए गए हे कई जगह पर सात मंजिले मकान भी बनाए गए हैं । एक मकान दूसरे मकान से मिलता हे खिड़की दरवाजे एक जैसे बनाए गए है।
- मकानों में पानी के लिए पथरो की पाइपें और लकड़ी की सीढ़ियां एक मंजिल से दूसरी मंजिल तक जाने के लिए बनाई गई हैं ।
- गलियों में पानी के लिए जगह सभी मकानों के सड़क के निचे से पाइप लाइन बनाई गई हैं ।
- यह सिंधु घाटी सभ्यता को और सभ्यता से बेहतर बनती हैं ।
मोहनजोदड़ो , कालीबंगा : घरो में आंगन के बिच में परसनल पानी के कुयें होते थे
अनाघर : अनाज को इकठा करने के लिए बनाया जाता था ।