चर्चा में क्यों?
हाल ही में अमेरिका-मैक्सिको (USA-Mexico Border) सीमा पर भौतिक और सशस्त्र गश्त के विकल्प के तौर पर उन्नत निगरानी तकनीक वाली एक वैकल्पिक स्मार्ट वॉल (alternative Smart Wall) के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया है।
इससे पूर्व वर्ष 2019 में अमेरिका ने मैक्सिको से ड्रग्स और अपराधियों के “आक्रमण” का हवाला देते हुए अमेरिका-मैक्सिको बॉर्डर पर एक दीवार (बॉर्डर वॉल) का निर्माण करने के लिये राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की थी।
प्रमुख बिंदु
स्मार्ट वॉल के बारे में : स्मार्ट वॉल की कोई एक निश्चित परिभाषा नहीं है। यह अलग-अलग प्रौद्योगिकियों का संग्रह है जो अवैध प्रवेश, तस्करी और एक भेद्य सीमा पर उत्पन्न सभी प्रकार के खतरों को रोकने के लिये कार्य करती है।स्मार्ट वॉल तकनीक में ड्रोन, स्कैनर और सेंसर आदि के उपयोग से ऐसा तकनीकी अवरोध उत्पन्न जाएगा जिसकी सुरक्षा को तोड़ना अपेक्षाकृत काफी मुश्किल होगा।
इन-ग्राउंड सेंसर, सुरक्षा कैमरे और सॉफ्टवेयर जैसी इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स (Internet-of-Things- IoT) तकनीकों का उपयोग करते हुए तैयार की गई स्मार्ट वॉल अवैध गतिविधियों को रोकने में सहायक होगी जो स्थितिजन्य जागरूकता के साथ सीमा अधिकारियों को सशक्त बनाएगी।
स्मार्ट वॉल के लाभ:
भारत में स्मार्ट वॉल की ज़रूरत:
भारतीय सीमाओं का अधिकांश क्षेत्र बीहड़ है और स्पष्ट रूप से परिभाषित भी नहीं है। यह एक महत्त्वपूर्ण कारक है जिसे भारतीय सीमाओं के साथ इस तरह की प्रणाली के उपयोग करने पर विचार किया जाना चाहिये।
यह प्रणाली भले ही भारत की लंबी सीमाओं के लिये संभव न हो, फिर भी इसे देश के उन महत्त्वपूर्ण सुरक्षा प्रतिष्ठानों में तैनात किया जा सकता है जहाँ पहले से ही भौतिक बाड़ (Physical Fencing) और दीवार पूरक के रूप में मौजूद हैं।
इस प्रणाली से भारतीय सशस्त्र बलों का अच्छी तरह से सुसज्जित किया जाना चाहिये ताकि इस नवीनतम तकनीकी का लाभ शत्रु देशों के खिलाफ लिया जा सके।
सीमा पार घुसपैठ की समस्या का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिये विशेषज्ञों को स्मार्ट वॉल के विचार पर अन्वेषण करना चाहिये।
भारत में स्मार्ट फेंसिंग:
भारत-पाकिस्तान सीमा
(10 किलोमीटर) और भारत-बांग्लादेश सीमा (61 किलोमीटर) पर व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (Comprehensive Integrated Border Management System- CIBMS) के तहत 71 किलोमीटर की दो पायलट परियोजनाएंँ पूरी हो चुकी हैं।
CIBMS के तहत सीमाओं पर अत्याधुनिक निगरानी तकनीकों की एक शृंखला को तैनात किया जाना शामिल है- थर्मल इमेजर्स, इन्फ्रा-रेड और लेज़र-आधारित घुसपैठ अलार्म, हवाई निगरानी हेतु एयरोस्टेट, बिना सेंसर वाले ग्राउंड सेंसर जो रडार, सोनार सिस्टम का पता लगाने में मदद कर सकते हैं, फाइबर-ऑप्टिक सेंसर और एक कमांड और कंट्रोल सिस्टम जो वास्तविक समय (Real Time) में सभी निगरानी उपकरणों से डेटा प्राप्त करने में सक्षम है।
बॉर्डर इलेक्ट्रॉनिकली डोमिनेटेड क्यूआरटी इंटरसेप्शन टेक्नीक (BOLD-QIT) CIBMS के तहत असम के धुबरी ज़िले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर भी इस तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है।