ब्रिटिश विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण

ब्रिटिश भारत में केवल व्यापार करने के लिए आए थे और क्षेत्र पर कब्जा करने की उनकी कोई नहीं थी , यह सिद्ध नहीं किया जा सकता हैं 18 वी शताब्दी में पश्चमी यूरोपीय देशों ने अपने यापारिक एवं राजनितिक Read More …

सहायक सन्धि

सहायक सन्धि: भूमिका उदेश्य:- कारण – सम्राज्यवाद , सिक्योरिटी प्रावधान विकास प्रभाव :-  ब्रिटेन , भारत सहायक संधि सम्राज्यवाद एक ऐसा उपकरण हैं जो शांतिपूर्ण से भारतीय राज्य को मित्रता, एक दूसरे के विरुद्ध सुरक्षा का झांसा देकर ना केवल Read More …

यूरोपीय कंपनियों का आगमन

यूरोपीय कंपनियों का आगमन व्यापारिक एकादिकार के लिए संघर्ष प्राचीन (477AD) मध्य आधुनिक – पुनर्जागरण पुनर्जागरण ने दुनिया में काफी ज्यादा परिवर्तन किये गए । प्राचीन काल में मनुष्य ने दुनिया को दो भागो में बांटा था । पश्चमी दुनिया Read More …

सिख

सिख : सिख विचारधारा के परिवर्तक श्री गुरु नानक जी थे । उनकी मृत्यु के पश्चात दूसरे गुरु गुरु अंगद हुए जिहोने गुरु मुखी लिपि का अविष्कार किया । 5 वे गुरु, गुरु अर्जुन देव ने सूफियन भक्तों की अमृतवाणी Read More …

बाजीराव-1

बाजीराव: बालाजी विश्वनाथ की मृत्यु के बबाद (1720-40) उनके पुत्र  बाजीराव – 1 पेशवा बने । वे सम्भवतः सभी पेशवाओं में सबसे योग्य पेशवा साबित हुए । उन्होंने मुगल सम्राज्य की गिरती व्यवस्था को ना केवल पहचाना बल्कि मुग़ल सम्राज्य Read More …

विद्रोही राज्य

मराठा साम्राज्य: बहादुरशाह प्रथम गद्दी प्राप्त करने के बाद साहू को किले से आजाद कर दिया गया । जिससे मराठा उतराधिकार के लिए शहु एवं ताराबाई में गद्दी के लिए संघर्ष हो गया । इस संघर्ष में अंततः शहु की Read More …