मौखिक परंपरा और भारतीय साहित्य

प्राचीन भारत में ‘लेखन ‘ एवं ‘ वाचन  ‘ दोनों का चलन था। और दोनों का अंतर् उनकी कार्यशैलियों को भी स्पष्ट करता हैं। भारतीय संस्कृति का मूल उस सजीव व्यक्ति में निहित होता है जो ना केवल संस्कृति के Read More …